श्री आस्तिक स्वामी बाबा करते हैं सबकी मनोकामना पूर्ण .......

 


बाबा करते हैं सबकी मनोरथ पूरी .......




ये हैं नाग माता मंशा देवी के पुत्र ,भगवान  शिव के शिष्य श्री आस्तिक स्वामी , जिनकी अराधना करने वाला कभी खाली हाथ नहीं जाता ,आईये आपको इस  मंदिर के इतिहास के बारे में बताते हैं कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब हस्तिनापुर के विभाजन के पश्चात हस्तिनापुर नरेश ने पांडवों को खांडवप्रस्त(वर्तमान में मेरठ से लेकर इन्द्रप्रस्थ दिल्ली ) जहाँ भूत प्रेत और विषेले सर्प  और  ऊबढ़ खाबड़ भूमि प्रदान की गयी जहाँ पर अपने राज्य की स्थापना करने के लिए पांडवों ने श्री कृष्ण जी कहने पर इन्द्र की कठोर तपस्या की जिसके पश्चात इन्द्र ने वरुण देव को आदेश किया कि वोह अर्जुन की सहायता करें  तब वरुण देव ने अर्जुन को गांडीव धनुश प्रदान किया ज़िस्से अर्जुन ने अग्निबाण  का  प्रयोग किया और नाग जाति के अधिकांश ताह प्राणी जल गए ,फिर ज़िससे तक्षक राज जो की नाग लोक के राजा थे ने प्रण किया की वोह आगे जाकर पांडवों की पीड़ी का दंश करेंगे ,कौरव पांडवों के युद्ध के पश्चात सारा राज्य अर्जुन के पौत्र राजा परिक्षत को मिला मान्यता अनुसार राजा परिक्षत एक बार आखेट पर गए वहीं उन्हे प्यास लगी ,प्यास से व्याकुल राजा परिक्षत ने श्रंग ऋषि के आश्रम में जाकर ध्यान मग्न तपस्या करते हुएे श्रंग ऋषि के द्वारा य़ाचना स्वीकार न करने पर भी जल ना देने पर ,राजा परिक्षत ने पास ही एक म्रत सर्प को श्रंग ऋषि के गले में डाल दिया ,ज़िसको देखकर श्रंग ऋषि के पुत्र ने श्राप  दिया की सात दिन बाद तक्षक नाग ,राजा परिक्षत को दंश कर लेंगे         
,सात दिन बाद जब तक्षक नाग ने राजा परिक्षक का  दंश किया ,ज़िससे  क्रोध में आकर  अर्जुन के प्रापौत्र ,और राजा परिक्षक के पुत्र जनमेजय ने नाग यग्य करवाया ,ज़िस्से सम्पूर्ण  नाग जाति समाप्ती की और बढ गयी ,तभी तक्षक नाग ने ,जनपद रायबरेली स्थित हरचन्दपुर थाना ,गंगागंज में लालू पुर खास गांव में नदी के किनारे स्नान कर रहे आस्तिक मुनी के चरणों में लिपट गए ,और अपनी नाग प्रजाति को बचाने के लिए याचना  की जिस पर आस्तिक स्वामी ने तक्षक राज को इस स्थान पर शरण  दी ज़िससे  नाग जाति की रक्षा हुई,और तब से यहां आस्तिक बाबा का मन्दिर स्थापित हुआ ,जहाँ भक्त पूजन करते हैं और मनवाँछित फलप्राप्त  करते हैं ।


सलाम इंडियाके लिए  रायबरेली से हिमांशु त्यागी की  विशेष रिपोर्ट।


हिमांशु त्यागी पेशे से एडवोकेट  हैं, जो कि रायबरेली सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं,लेखन में हिमांशु त्यागी जी की विशेष रुचि है।


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